Friday, November 22, 2019

The distance of a Chord from the Center

Let AB be a line and K is an outside point. A line can have an infinite number of points on it, if we join these points to point K, we will get infinite line segments like KN, KR, KJ, KS, KT, KU, etc. Now the question is, which of these is the distance of AB from point K. 
Out of these line segments, the perpendicular from K to AB i.e. KJ will be the least. This least distance KJ is called the distance of AB from K. We may say that:
The length of the perpendicular from a point to a line is the distance of the line from the point.
If the point lies on the line, the distance of the line from the point is zero. 

In a circle, we can draw infinite chords. By drawing chords of different lengths in a circle, we can observe that the longer chords are nearer to the center than the smaller chord (you may experiment this with the following applet). What is the distance of the diameter, which is the longest chord from the center? As we know that the center lies on the diameter, the distance is zero.

With the help of the applet below, we can explore the relationship between the lengths of the chord and their distance from the center. Points C and D can be used to alter the lengths of the chords CD, PQ, and LM. We can see that the chords which are equal in lengths are equidistant from the center of the circle

The converse of the above statement is also true, which states that the chords equidistant from the center of a circle are equal in length.

Friday, November 15, 2019

Line (Segment) from the Center to a Chord

Line(Segment) from the Center to a Chord

Let us investigate a line (line segment) drawn from the center of the circle to a chord. BC is a chord of the circle with center at O. D is a point on the chord. What do you notice about the lengths BD and CD when the angle is 90.
Move the point D on the chord and look for a situation when the angle is 90 at this point what can you say about the lengths BD and CD, are they equal? You will observe that BD = CD. Here we can make the following conjecture:
  • The perpendicular from the center of a circle to a chord bisects the chord.
The converse of the above conjecture is also true:
  • If a line (line segment) is drawn from the center of a circle to the midpoint of a chord, then the line is perpendicular to the chord.
Let us prove the conjecture 1 above. This proof is based on the congruency of the triangles.
       Given: OD ⊥ BC
       Construction: Join OB and OC.
       Strategy: If we can show that △BDO 
       and △CDO are congruent then the 
       sides BD and CD must be equal.
       To prove: BD = CD
       Proof:
          In △ BDO and △ CDO
          OB = OC (Radii of the circle)
          OD = OD (Common Sides)
         ∠BDO = ∠CDO (given , both 90)
      Hence, △ BDO ≅ △ CDO
      Therefor, BD = CD (Corresponding Parts of Congruent Triangles)

Tuesday, November 12, 2019

Chord Length - Angle at Center Relationship

Angle Subtended by a Chord at the Center
Take a chord RS of a circle with center O. Join the endpoints of the chord to the center of the circle. The ∠ ROS is called the angle subtended by the chord RS at the center. Let us examine the relationship between the length of the chord and the angle subtended by it at the center. Longer is the chord, the bigger will be the angle subtended by it at the center. What happens when we have two or more chords of equal lengths? Let us see :

We are given two-chords AB and CD of equal length. These chords belong to the same circle with center O.

In triangles AOB and COD
            OA = OC (Radii of the circle)
            OB = OD (Radii of the circle)
            AB = CD (Given)
       So △ AOB = △ COD (by SSS Rule)
Hence,  ∠ AOB = ∠ COD
We can say that equal chords of a circle subtend equal angles at the center.

The converse of the above statement is also true i.e. if the angles subtended by chords of a circle at the center are equal, then the chords are equal.

What about the arc lengths corresponding to the chords: With the help of tracing paper, we can see that arc length AB = arc length CD.

जीवा द्वारा केन्द्र पर अंतरित कोण
O केन्द्र बिन्दु के किसी वृत्त की एक जीवा RS लीजिए और जीवा के बिन्दुओं R व S को केन्द्र बिन्दु से जोड़िए। इस प्रकार बना कोण ∠ ROS , जीवा RS द्वारा केन्द्र पर अंतरित कोण कहलाता है। आइए हम जीवा की लंबाई की माप और उसके द्वारा केन्द्र पर अंतरित कोण के बीच के संबंध की जाँच करें। जीवा की लंबाई अधिक होगी ,तो उसके द्वारा केन्द्र पर अंतरित कोण भी बड़ा होगा। क्या होगा यदि हम दो बराबर लंबाई की जीवाएं लें ? आइए देखते हैं :

त्रिभुज AOB और COD में
            OA = OC (एक ही वृत्त की त्रिज्याएं )
            OB = OD (एक ही वृत्त की त्रिज्याएं)
            AB = CD (दिया है)
  अत:   △ AOB = △ COD (SSS नियम से)
  इस प्रकार,∠ AOB = ∠ COD
हम कह सकते हैं कि वृत्त की बराबर जीवाएं केन्द्र पर बराबर कोण अंतरित करती हैं

उपर दिए कथन का विलोम भी सही है , यदि एक वृत्त की जीवाओं द्वारा केन्द्र पर अंतरित कोण बराबर हों , तो वे जीवाएं बराबर होती हैं।

यहां जीवाओं से जुड़े चाप की लंबाई के बारे में क्या कहा जा सकता है : एक ट्रेसिंग पेपर की मदद से हम यह देख सकते हैं कि AB चाप की लंबाई = CD चाप की लंबाई

Sunday, November 10, 2019

Circle Vocabulary (वृत्त शब्दावली)

Circle Vocabulary

Circle: The collection of all the points in a plane, which are at a fixed distance from a fixed point in the plane, is called a circle. The fixed point is called the center of the circle and the fixed distance is called the radius of the circle.
Chord: If you take two points A and B on the circle, then the line segment joining AB is called the chord of the circle.
Diameter: A chord that passes through the center of the circle is called the diameter of the circle. Diameter is the longest chord of the circle and it is twice the length of the radius of the circle.
Arc: A piece of the circle between two points is called an arc.
Circumference: The length of the complete circle is called its circumference.
Segment: The region between a chord and either of its arc is called a segment.
Sector: The region between an arc and the radii joining the endpoints of the arc to the center of the circle is called a sector.

All the above are shown in the applet below, you may move the points on the two circles and see the effects.

वृत्त शब्दावली

वृत्त : एक तल पर उन सभी बिन्दुओं का समूह , जो तल के एक स्थिर बिन्दु से एक स्थिर दूरी पर स्थित हों , एक वृत्त कहलाता है। स्थिर बिन्दु को वृत्त का केन्द्र कहते हैं तथा स्थित दूरी को वृत्त की त्रिज्या कहते हैं।
जीवा : यदि एक वृत्त पर दो बिन्दु A और B लें , तो रेखाखण्ड AB वृत्त की जीवा कहलाता है।
व्यास : वह जीवा जो वृत्त के केन्द्र से होकर जाती है , उसे वृत्त का व्यास कहते हैं। व्यास , वृत्त की सबसे बड़ी जीवा होती है। व्यास की लंबाई वृत्त की त्रिज्या से दो गुनी होती है।
चाप : दो बिन्दुओं के बीच के वृत्त के भाग को चाप कहते हैं।
परिधि : संपूर्ण वृत्त की लंबाई को उस वृत्त की परिधि कहते हैं।
वृत्तखण्ड : जीवा और प्रत्येक चाप के मध्य क्षेत्र को वृत्तखण्ड कहते हैं।
त्रिज्यखण्ड : केन्द्र को एक चाप के सिरों से मिलाने वाली त्रिज्याओं एवं चाप के बीच के क्षेत्र को त्रिज्यखण्ड कहते हैं।

नीचे दी गयी एपलेट में उपर परिभाषित सभी अवधारणाओं को दर्शाया गया है , दोनों वृत्त में दिखाए गए बिन्दुओं को हिला कर आप उनका प्रभाव देख सकते हैं।

Wednesday, November 6, 2019

संख्या-चार्ट और संबंधित गतिविधियां (Number Chart and related Activities)

संख्या-चार्ट गणित पढ़ाने का एक बहुमुखी उपकरण है। इसका उपयोग संख्या पैटर्न , संख्याओं के आपसी संबंध , संक्रियाएँ और समस्या समाधान से संबंधित गतिविधियां आदि पर कक्षा 1 से कक्षा 5 के बच्चों के साथ कार्य किया जा सकता है। संख्या-चार्ट की गतिविधियां बच्चों में संख्या-बोध के विकास में मदद करती हैं और इन गतिविधियों को कक्षा में व्यक्तिगत रूप से , छोटे – छोटे समूहों में या पूरी कक्षा के साथ कराया जा सकता है। साथ ही शिक्षक बच्चों को इनके अतिरिक्त अन्य गतिविधियाँ सोचने के लिए भी प्रेरित कर सकते हैं।
चित्र में 0 – 99 तक की संख्याओं का एक संख्या-चार्ट दिखाया गया है। इस चार्ट की मदद से नीचे दी गयी गतिविधियां करायी जा सकती हैं। 

1.विशेष संख्याएं : यह गतिविधि बच्चों को संख्या-चार्ट से परिचित कराने में मदद करती है। बच्चे संख्या-चार्ट पर कंकड़ की मदद से पाँच से दस संख्याओं को चिन्हांकित करते हैं और अपने साथी को कि ये संख्याएं उनके लिए विशेष क्यों हैं। 

        • उम्र                                   
        • जन्म तारीख 
        • परिवार में सदस्यों की संख्या 
        • मेरी प्रिय संख्या 
        • कक्षा में बच्चों की संख्या
        • विद्यालय में शिक्षकों की संख्या 
        • गाँव में घरों की संख्या 
        • गाँव की शहर से दूरी
2.चित्र बनाएं : यह गतिविधि संख्या-चार्ट के ज्ञान को पुष्ट कर बच्चों को पैटर्न को चित्र रूप में देखने में मदद करती है। जैसे , आप एक-एक कर नीचे दी गयी संख्याएं बोलते हैं और बच्चे उन संख्याओं पर कंकड़ रखते जाते हैं : 1,71,17,53,44,35,34,8,78,12,67,23,45,62,26,56
संख्या बोलना खत्म करने से पहले बच्चों से पूछें कि उन्हें कौन सा चित्र नजर आ रहा है। यदि बच्चे चित्र पहचान लें तो उन्हें आगे की संख्याएं बताने को कहें जिससे चित्र पूरा किया जा सके।

3. पड़ोसी संख्या ढूंढना : यह गतिविधि बच्चे के संख्या-चार्ट के ज्ञान को पुष्ट करने में सहायक होती है। बच्चे एक खाली संख्या-चार्ट का उपयोग करेंगे। एक बच्चा 0 – 99 के बीच कोई एक संख्या चुननेगा । अन्य बच्चे खाली-चार्ट में उस संख्या को सही जगह पर लिखेंगे। इसके पश्चात वे उस संख्या की सभी पड़ोसी संख्याएं लिखेंगे।संख्या-चार्ट पर पड़ोसी-संख्या वह संख्या है जो चुनी गयी संख्या से एक कम , एक अधिक , दस कम और दस अधिक होती है। अलग-अलग बच्चों को संख्या चुनने का मौका देते हुए संख्या-चार्ट के पूरा भरने तक इस गतिविधि को कराया जाए।

4. नाम का पैटर्न : यह गतिविधि बच्चों को विभिन्न प्रकार के संख्या-पैटर्न और संख्या- संबंधों से परिचय कराने के साथ-साथ गुणा की संक्रिया का एक आधार भी तैयार करती है। । इसके लिए बच्चे एक खाली संख्या-चार्ट का उपयोग करते हैं। बच्चे चार्ट में अपना नाम लिखेंगे , हर बॉक्स में एक अक्षर , जब तक की चार्ट पूरी तरह से न भर जाए। अब बच्चे अपने नाम के पहले अक्षर (चार्ट में जहाँ-जहाँ भी आये हैं) को शेड करेंगे , इस प्रकार उन्हें एक पैटर्न मिलेगा। बच्चे कक्षा में दूसरे बच्चों को ढूँढेंगे जिनका पैटर्न उसके पैटर्न के समान हो । समान पैटर्न के बच्चे एक साथ बैठकर अपने पैटर्न के बारे में चर्चा करेंगे । इस प्रकार के प्राप्त पैटर्न 2 , 3 , 4 , 5 , 6 , 7 आदि के गुणज होंगे जो बच्चों के नाम में अक्षरों की संख्या पर निर्भर करेगा।

5. संख्या पैटर्न : यह गतिविधि बच्चों को विभिन्न प्रकार के संख्या-पैटर्न और संख्या- संबंधों से परिचय कराने के साथ-साथ गुणा की संक्रिया का एक आधार भी तैयार करती है।
  • बच्चों से कहें कि वे उन सभी संख्याओं पर कंकड़ रखें जिनके इकाई या दहाई के स्थान पर 3 आता है। बच्चों को संख्या पैटर्न या संख्याओं के संबंधों पर विचार करने के लिए प्रेरित करें। उदाहरण के लिए ये संख्याएं एक क्षैतिज(आड़ी) और एक उर्ध्वाधर (खड़ी) रेखाएं बनाती हैं। ये रेखाएं 33 पर मिलती हैं और इस संख्या में इकाई और दहाई दोनों ही स्थान पर 3 है। उर्ध्वाधर रेखा पर संख्याएं उपर से नीचे 10 से बढ़ती हैं और क्षैतिज रेखा पर संख्याएं बाँए से दाँए 1 से बढ़ती है। बच्चों से पूछें कि क्या अन्य संख्याओं के लिए भी ये संबंध हैं। उन्हें उन सभी संख्याओं पर कंकड़ रखने को कहें जिनके इकाई या दहाई के स्थान पर 3 आता है और इस प्रकार बने पैटर्न और संख्या संबंधों पर चर्चा करने को कहें।
  • बच्चों को 11 , 22 , 33 , 44 , 55 , 66 , 77, 88 , 99 संख्याओं पर कंकड़ रखने को कहें और संख्याओं के पैटर्न और संबंधों पर चर्चा करें। एक पैटर्न जो बच्चे देख सकते हैं कि संख्याओं में अंको का योग (11 में 1+1=2 , 22 में 2+2=4 आदि) 2 , 4 , 6 , 8 , 10 , 12 , 14 , 16 , 18 है और ये सभी सम संख्याएं हैं। 
  • बच्चों को 1 , 12 , 23 , 34 , 45 , 56 , 67 , 78 , 89 संख्याओं पर कंकड़ रखने को कहें और संख्याओं के पैटर्न और संबंधों पर चर्चा करें। एक पैटर्न जो बच्चे देख सकते हैं कि संख्याओं में अंको का योग 1, 3 , 5 , 7 , 9 , 11, 13 , 15, 17 है और ये सभी विषम संख्याएं है। बच्चों को अगले विकर्ण की संख्याओं के साथ काम कर संख्या पैटर्न और संबंधों को देखने के लिए प्रेरित करें।
  • बच्चों को 5, 14 , 23 , 32 , 41 , 50 संख्याओं पर कंकड़ रखने को कहें और उन्हें पैटर्न और संख्या संबंधों का अवलोकन करने को कहें । बच्चे यह देख सकते हैं कि सभी संख्याओं के अंको का योग 5 है और 5 विकर्ण की पहली संख्या है। इसी प्रकार बच्चों को अन्य विकर्णों के पैटर्न का अवलोकन करने का समय दें।
6. आगे गिनना : यह गतिविधि बच्चों के जोड़ की संक्रिया की समझ का आधार बनाती है। बच्चे आपके निर्देश के अनुसार संख्याओं पर कंकड़ रखेंगे। 
                           25 और उसके आगे 3 गिने                  32 और उसके आगे 5 गिने
                           35 और उसके आगे 6 गिने                  36 और उसके आगे 7 गिने
                           73 और उसके आगे 2 गिने                  41 और उसके आगे 4 गिने

7. ‘से’ ज्यादा : यह गतिविधि बच्चों में ‘से ज्यादा या इससे अधिक ‘ की अवधारणा की पुष्टि और जोड़ की अवधारणा सीखने में मदद करती है। बच्चे आपके निर्देश के अनुसार संख्याओं पर कंकड़ रखेंगे।
                           15 से 4 अधिक                               40 से 9 अधिक
                           52 से 3 अधिक                               26 से 5 अधिक
                           61 से 6 अधिक                               43 से 7 अधिक
यहाँ शिक्षक “अधिक” शब्द के स्थान पर “ज्यादा” शब्द का उपयोग भी कर सकते हैं।

8. उल्टा गिनना : यह गतिविधि घटाव संक्रिया की समझ का आधार रखती है। बच्चे आपके निर्देश के अनुसार संख्याओं पर कंकड़ रखेंगे।
                          38 से पीछे 4 गिने                             58 के पीछे 2 गिने
                          23 के पीछे 6 गिने                             73 के पीछे 3 गिने
                          47 के पीछे 1 गिने                             69 के पीछे 8 गिने
यहाँ शिक्षक “पीछे” शब्द के स्थान पर “पहले” शब्द का उपयोग भी कर सकते हैं।

9. ‘से’ कम : यह गतिविधि बच्चों में ‘से कम या इससे कम ‘ की अवधारणा की पुष्टि और घटाने की अवधारणा सीखने में मदद करती है। बच्चे आपके निर्देश के अनुसार संख्याओं पर कंकड़ रखेंगे।
                        49 से 3 कम                                      89 से 8 कम
                        21 से 4 कम                                      30 से 7 कम
                        56 से 6 कम                                      16 से 3 कम

10. दस अधिक या कम : यह गतिविधि बच्चों में 10 की गिनती की पुष्टि करता है। यह बच्चों में स्थानीय मान की समझ के लिए आधार का काम करता है।
                      2 से 10 ज्यादा (अधिक)                           48 से 10 कम
                     24 से 10 ज्यादा                                     62 से 10 कम
                     63 से 10 ज्यादा                                     76 से 10 कम

11. बिंगो : यह गतिविधि बच्चों को इकाई और दहाई के साथ स्थानीय मान समझने में मदद करती है। इस गतिविधि के लिए हर बच्चा खाली संख्या-चार्ट का उपयोग करेगा। शिक्षक 0 – 99 के काउंटर्स एक छोटे बक्से में रखेंगे। एक बच्चा बक्से से एक काउंटर निकालेगा और संख्या को इकाई व दहाई के रूप में कहेगा , उदाहरण के लिए 25 को वह दो दहाई और पाँच इकाई कहेगा। कक्षा के अन्य बच्चे संख्या सुनकर संख्या-चार्ट में उस स्थान पर एक कंकड़ रखेंगे। अलग-अलग बच्चे बक्से से काउंटर निकालकर संख्या कहेंगे और बच्चे अपने संख्या-चार्ट पर कंकड़ रखते जाएंगे। यह कार्य तब तक चलता रहेगा जब तक कि बच्चों की कोई पंक्ति या कॉलम पूरा नहीं हो जाता।

12. संख्या चार्ट पर जोड़ना और घटाना : यह गतिविधि बच्चों को संख्या चार्ट पर जोड़ने और घटाने के अभ्यास का मौका देती है। संख्या चार्ट पर संख्याओं को किस प्रकार से जोड़ा जाता है , बच्चों के सामने इसका प्रदर्शन करें। उदाहरण के लिए 33 + 48 । बच्चे 33 पर एक कंकड़ रखेंगे। उनसे पूछें कि 48 में कितने दहाई (4) हैं। उन्हें याद दिलाएं कि एक बॉक्स नीचे आने पर संख्या 10 बढ़ती है। हमें 33 से 4 बॉक्स नीचे आना है (43 , 53 , 63 , 73) । बच्चों से पूछें कि 48 में 8 क्या दिखाता है (इकाई)। बच्चों को याद दिलाएं कि क्षैतिज दिशा में बाँयीं ओर जाने से संख्या एक से बढ़ती है। हमें 73 से बाँयीं ओर 8 स्थान आगे बढ़ना है (74 , 75 , 76 , 77 , 78 , 79 , 80 , 81) । इस प्रकार हम 81 पर पहुँचे , अत: 33 + 48 = 81। इसी प्रकार और उदाहरणों से जोड़ का अभ्यास कराएं।
अब संख्या चार्ट की मदद से घटाने का प्रदर्शन करें। उदाहरण के लिए 72 – 44 । बच्चे 72 पर एक कंकड़ रखेंगे। बच्चों से पूछें , 44 में कितने दहाई हैं (4) । 72 से चार बॉक्स उपर चढ़ेंगे (62 , 52 , 42 , 32) । अब बच्चों से पूछें कि 44 में दांयी ओर का 4 क्या दर्शाता है (इकाई) । अब हम 32 से क्षैतिज दिशा में बाँयीं ओर 4 स्थान पीछे जाएंगे (31 , 30 , 29 , 28) । इस प्रकार हम 28 पर पहुँचे , अत: 72 – 44 = 28। इसी प्रकार और उदाहरणों से घटाने का अभ्यास कराएं।

13. छोड़कर गिनना या गुणज पहचानना : यह गतिविधि बच्चों में छोड़ कर गिनना , गुणज और गुण की अवधारणा की समझ विकसित करने में मदद करती है।
  • बच्चे दो – दो छोड़ कर गिनते हुए (0 , 2 , 4 , 6 , 8 , 10,......98) संख्याओं पर कंकड़ रखेंगे। बच्चों को इस प्रकार बने पैटर्न को पहचानने को कहें। इस प्रकार कंकड़ पाँच उर्ध्वाधर (खड़ी) रेखाएं बनाएंगे। सभी संख्याएं सम संख्याएं और 2 की गुणज होंगी। इस संख्याओं में इकाई अंक 0 या 2 या 4 या 6 या 8 होंगे। 
  • बच्चों को तीन – तीन छोड़ कर संख्याओं पर कंकड़ रखने को कहें। इस प्रकार का बना पैटर्न विकर्ण रेखाओं को दिखाता है और इन विकर्णों की संख्याओं पर अंकों का योग 3 , 6 , 9 , 12 , 15 , 18 होगा। 
  • इसी प्रकार बच्चों को 4 , 5 , 6 , 7 , 8 , 9 , 10 तक संख्याओं को छोड़ कर कंकड़ रखने और बने पैटर्न का अध्ययन करने को कहें।
14.सम-अपवर्त्य पहचानना : यह गतिविधि बच्चों में ‘छोड़ कर गिनने’ और गुणज की अवधारणा की पुष्टि करती है। यह गतिविधि तीन या चार बच्चों के समूह में करायी जा सकती है। समूह में बच्चे संख्या-चार्ट पर 3 के गुणज पर कंकड़ रखेंगे। फिर बच्चे 4 के गुणज पर कंकड़ रखेंगे।अब बच्चे उन संख्याओं को लिखेंगे जिन पर दो कंकड़ (12 , 24 , 36 , 48 , 60 , 72 , 84 , 96) रखे हैं। इन संख्याओं को सम-अपवर्त्य (common multiple) कहते हैं। इन सम-अपवर्त्य में सबसे छोटे अपवर्त्य की पहचान करें (12) और 100 तक के 3 और 4 के सम-अपवर्त्य में सबसे बड़े अपवर्त्य (96) की पहचान करें। इसी प्रकार बच्चों से अन्य संख्याओं के गुणज , सम-अपवर्त्य , सबसे छोटे और 100 तक सबसे बड़े अपवर्त्य की पहचान का अभ्यास कराएं।

15. अभाज्य संख्याएं : यह गतिविधि बच्चों में अभाज्य संख्याओं की समझ विकसित करने में मदद करेगी और वे 0 – 99 के बीच की अभाज्य संख्याओं को जान पाएंगे। आपके दिए निर्देशों के अनुसार बच्चे संख्याओं पर कंकड़ रखते जाएंगे। 4 से शुरू करते हुए 2 के सभी गुणज पर कंकड़ रखने को कहें। इसी प्रकार 6 से शुरू करते हुए 3 के सभी गुणज पर कंकड़ रखने को कहें। फिर बच्चे 4 के सभी गुणज पर कंकड़ रखेंगे। अब बच्चे 5 को छोड़कर 5 के सभी गुणज पर कंकड़ रखेंगे और इसके बाद वे 6 के सभी गुणज पर कंकड़ रखेंगे। अंत में 7 को छोड़कर 7 के सभी गुणज पर कंकड़ रखेंगे। इस बात का ध्यान रखा जाए कि यदि किसी संख्या पर कंकड़ रखा हो तो उस पर दोबारा कंकड़ रखने की आवश्यकता नहीं है।
अब बिना कंकड़ रखी संख्याओं की पहचान करें (2 , 3 , 5 , 7 , 11 , 13 , 17 , 19 , 23 , 29 , 31 , 37 , 41 , 43 , 47 , 53 , 59 , 61 , 67 , 71 , 73 , 79 , 83 , 89 , 97) , ये सभी अभाज्य संख्याएं (Prime Numbers) हैं। बच्चों को बताएं कि अभाज्य संख्याओं के केवल दो ही गुणनखण्ड , 1 और स्वयं वह संख्या , होते हैं। अभाज्य संख्याएं स्वयं और एक से ही अभाज्य संख्याएं केवल स्वयं या एक से ही विभाजित होती हैं।

इस प्रकार एक संख्या-चार्ट की मदद से संख्याओं से संबंधित अलग-अलग अवधारणाओं समझ विकसित की जा सकती है। उपरोक्त गतिविधियों के अतिरिक्त कई अन्य गतिविधियां भी संख्या-चार्ट की मदद से करायी जा सकती हैं। संख्या-चार्ट बहुत ही आसानी से A4 पेपर पर बनाया जा सकता है या कंप्यूटर में किसी स्प्रेडशीट अथवा वर्डप्रोसेसर साफ्टवेयर की मदद से भी इसे तैयार कर उपयोग में लाया जा सकता है।