इस पोस्ट के माध्यम से संख्या रेखा पर पूर्णांक संख्याओं के घटाने की प्रक्रिया को दर्शाने का प्रयास किया गया है। संबंधित मुख्य अवधारणाएं इस प्रकार हैं :
- संख्या 0 , 1 , -1 , 2 , -2 , 3 , -3 , ………… का संग्रह पूर्णांक कहलाता है।
- संख्या +1 , + 2 , + 3 , ………… धनात्मक पूर्णांक कहे जाते हैं।
- संख्या -1 , -2 , -3 , ………….. ऋणात्मक पूर्णांक कहे जाते हैं।
- संख्या 0 , +1 , +2 , +3 , ………….. ऋणेत्तर (non-negative) पूर्णांक कहलाते हैं।
- पूर्णांकों को सरल रेखा पर निम्नलिखित प्रकार से निरूपित किया जाता है ।
- दो पूर्णांक जिनका योग शून्य हो , एक – दूसरे के योज्य प्रतिलोम कहलाते हैं। ये एक दूसरे के ऋणात्मक भी कहलाते हैं।
- किसी पूर्णांक का योज्य प्रतिलोम उस पूर्णांक का चिन्ह बदल कर प्राप्त किया जाता है।
- एक दिए हुए पूर्णांक में से किसी पूर्णांक को घटाने के लिए , हम दिए हुए पूर्णांक में से उस पूर्णांक का योज्य प्रतिलोम जोड़ देते हैं।
- The collection of numbers 0 , 1 , -1 , 2 , -2 , 3 , -3 , ………… is called integers.
- The numbers +1 , + 2 , + 3 , ………… are referred to as positive integers.
- The numbers - 1 , - 2 , - 3 , ………….. are referred to as negative integers.
- The numbers 0 , +1 , +2 , +3 , ………….. are referred to as non-negative integers.
- The integers are represented on the number line as follows :
- Two integers whose sum is zero are called additive inverses of each other. They are also called the negatives of each other.
- Additive inverse of an integer is obtained by changing the sign of the integer.
- To subtract an integer from a given number, we add the additive inverse of the integer to the given integer.
No comments:
Post a Comment