एक समकोण त्रिभुज की रचना करना जिसके कर्ण और एक भुजा की लंबाई दी गयी है।
हमें एक समकोण त्रिभुज की रचना करनी है जिसके कर्ण की लंबाई और एक भुजा की लंबाई दी गयी है। मान लीजिए हमें त्रिभुज ABC की रचना करनी है जहां ∠ABC=90° , BC = 4 सेमी और, AC=5 सेमी । इस त्रिभुज की रचना के चरण नीचे दिए जा रहे हैं :
चरण 1 – दिए गए मापों से एक रफ आकृति बनाएं। ∠ABC को समकोण अंकित कीजिए।
चरण 2 – 4 सेमी लंबाई का एक रेखा खंड BC खींचिए।
चरण 3 – बिन्दु B पर BC से 90° का कोण बनाते हुए एक किरण BX खींचिए। त्रिभुज के दिए गए मापों के अनुसार बिन्दु A इसी किरण पर स्थित है , हमें उसकी सही स्थिति ज्ञात करनी है।
चर॑ण 4 – बिन्दु C को केन्द्र मानकर 5 सेमी त्रिज्या का एक चाप बनाईए , बिन्दु A इस चाप पर स्थित होना चाहिए।
चरण 5 – चरण 3 और चरण 4 से स्पष्ट है कि बिन्दु A किरण BX और चरण 4 के चाप का प्रतिच्छेद बिन्दु है। बिन्दु A अंकित कीजिए।
चरण 6 – AC को जोड़कर त्रिभुज ABC पूरा करें।
स्लाईडर BC और AC का उपयोग कर त्रिभुज की रचना इनके अलग-अलग मानों के लिए देखी जा सकती है। साथ ही इनका उपयोग इन भुजाओं के उन मानों की खोज में भी की जा सकती है जिनके लिए त्रिभुज की रचना संभव नहीं है।
Construction of a right triangle length of whose hypotenuse and one side is given.
We need to construct a right triangle in which the length of the hypotenuse and one of its sides are given. Let us construct a triangle ABC in which ∠ABC=90°, BC=4 cm, and AC=5 cm. The steps of construction are given below:
Step 1 – Draw a rough sketch with the given information. Mark the right angle.
Step 2 – Draw a line segment BC of 4 cm length.
Step 3 – At point B, draw a ray BX at an angle of 90° to BC. As per the given information, the point A is located somewhere on this ray. We need to find its exact location.
Step 4 – With point C as a center and radius equal to 5 cm, draw an arc. Point A is located on this ray also.
Step 5 – From step 3 and step 4 it is clear that point A is the intersection of rays BX and arc of step 4. Mark point A.
Step 6 – Join AC and complete the triangle ABC.
The sliders BC and AC can be used to alter the length of sides and see the construction for their different values. These can also be used to explore the lengths for which the construction of the triangle is not possible.
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