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Wednesday, November 6, 2019

संख्या-चार्ट और संबंधित गतिविधियां (Number Chart and related Activities)

संख्या-चार्ट गणित पढ़ाने का एक बहुमुखी उपकरण है। इसका उपयोग संख्या पैटर्न , संख्याओं के आपसी संबंध , संक्रियाएँ और समस्या समाधान से संबंधित गतिविधियां आदि पर कक्षा 1 से कक्षा 5 के बच्चों के साथ कार्य किया जा सकता है। संख्या-चार्ट की गतिविधियां बच्चों में संख्या-बोध के विकास में मदद करती हैं और इन गतिविधियों को कक्षा में व्यक्तिगत रूप से , छोटे – छोटे समूहों में या पूरी कक्षा के साथ कराया जा सकता है। साथ ही शिक्षक बच्चों को इनके अतिरिक्त अन्य गतिविधियाँ सोचने के लिए भी प्रेरित कर सकते हैं।
चित्र में 0 – 99 तक की संख्याओं का एक संख्या-चार्ट दिखाया गया है। इस चार्ट की मदद से नीचे दी गयी गतिविधियां करायी जा सकती हैं। 

1.विशेष संख्याएं : यह गतिविधि बच्चों को संख्या-चार्ट से परिचित कराने में मदद करती है। बच्चे संख्या-चार्ट पर कंकड़ की मदद से पाँच से दस संख्याओं को चिन्हांकित करते हैं और अपने साथी को कि ये संख्याएं उनके लिए विशेष क्यों हैं। 

        • उम्र                                   
        • जन्म तारीख 
        • परिवार में सदस्यों की संख्या 
        • मेरी प्रिय संख्या 
        • कक्षा में बच्चों की संख्या
        • विद्यालय में शिक्षकों की संख्या 
        • गाँव में घरों की संख्या 
        • गाँव की शहर से दूरी
2.चित्र बनाएं : यह गतिविधि संख्या-चार्ट के ज्ञान को पुष्ट कर बच्चों को पैटर्न को चित्र रूप में देखने में मदद करती है। जैसे , आप एक-एक कर नीचे दी गयी संख्याएं बोलते हैं और बच्चे उन संख्याओं पर कंकड़ रखते जाते हैं : 1,71,17,53,44,35,34,8,78,12,67,23,45,62,26,56
संख्या बोलना खत्म करने से पहले बच्चों से पूछें कि उन्हें कौन सा चित्र नजर आ रहा है। यदि बच्चे चित्र पहचान लें तो उन्हें आगे की संख्याएं बताने को कहें जिससे चित्र पूरा किया जा सके।

3. पड़ोसी संख्या ढूंढना : यह गतिविधि बच्चे के संख्या-चार्ट के ज्ञान को पुष्ट करने में सहायक होती है। बच्चे एक खाली संख्या-चार्ट का उपयोग करेंगे। एक बच्चा 0 – 99 के बीच कोई एक संख्या चुननेगा । अन्य बच्चे खाली-चार्ट में उस संख्या को सही जगह पर लिखेंगे। इसके पश्चात वे उस संख्या की सभी पड़ोसी संख्याएं लिखेंगे।संख्या-चार्ट पर पड़ोसी-संख्या वह संख्या है जो चुनी गयी संख्या से एक कम , एक अधिक , दस कम और दस अधिक होती है। अलग-अलग बच्चों को संख्या चुनने का मौका देते हुए संख्या-चार्ट के पूरा भरने तक इस गतिविधि को कराया जाए।

4. नाम का पैटर्न : यह गतिविधि बच्चों को विभिन्न प्रकार के संख्या-पैटर्न और संख्या- संबंधों से परिचय कराने के साथ-साथ गुणा की संक्रिया का एक आधार भी तैयार करती है। । इसके लिए बच्चे एक खाली संख्या-चार्ट का उपयोग करते हैं। बच्चे चार्ट में अपना नाम लिखेंगे , हर बॉक्स में एक अक्षर , जब तक की चार्ट पूरी तरह से न भर जाए। अब बच्चे अपने नाम के पहले अक्षर (चार्ट में जहाँ-जहाँ भी आये हैं) को शेड करेंगे , इस प्रकार उन्हें एक पैटर्न मिलेगा। बच्चे कक्षा में दूसरे बच्चों को ढूँढेंगे जिनका पैटर्न उसके पैटर्न के समान हो । समान पैटर्न के बच्चे एक साथ बैठकर अपने पैटर्न के बारे में चर्चा करेंगे । इस प्रकार के प्राप्त पैटर्न 2 , 3 , 4 , 5 , 6 , 7 आदि के गुणज होंगे जो बच्चों के नाम में अक्षरों की संख्या पर निर्भर करेगा।

5. संख्या पैटर्न : यह गतिविधि बच्चों को विभिन्न प्रकार के संख्या-पैटर्न और संख्या- संबंधों से परिचय कराने के साथ-साथ गुणा की संक्रिया का एक आधार भी तैयार करती है।
  • बच्चों से कहें कि वे उन सभी संख्याओं पर कंकड़ रखें जिनके इकाई या दहाई के स्थान पर 3 आता है। बच्चों को संख्या पैटर्न या संख्याओं के संबंधों पर विचार करने के लिए प्रेरित करें। उदाहरण के लिए ये संख्याएं एक क्षैतिज(आड़ी) और एक उर्ध्वाधर (खड़ी) रेखाएं बनाती हैं। ये रेखाएं 33 पर मिलती हैं और इस संख्या में इकाई और दहाई दोनों ही स्थान पर 3 है। उर्ध्वाधर रेखा पर संख्याएं उपर से नीचे 10 से बढ़ती हैं और क्षैतिज रेखा पर संख्याएं बाँए से दाँए 1 से बढ़ती है। बच्चों से पूछें कि क्या अन्य संख्याओं के लिए भी ये संबंध हैं। उन्हें उन सभी संख्याओं पर कंकड़ रखने को कहें जिनके इकाई या दहाई के स्थान पर 3 आता है और इस प्रकार बने पैटर्न और संख्या संबंधों पर चर्चा करने को कहें।
  • बच्चों को 11 , 22 , 33 , 44 , 55 , 66 , 77, 88 , 99 संख्याओं पर कंकड़ रखने को कहें और संख्याओं के पैटर्न और संबंधों पर चर्चा करें। एक पैटर्न जो बच्चे देख सकते हैं कि संख्याओं में अंको का योग (11 में 1+1=2 , 22 में 2+2=4 आदि) 2 , 4 , 6 , 8 , 10 , 12 , 14 , 16 , 18 है और ये सभी सम संख्याएं हैं। 
  • बच्चों को 1 , 12 , 23 , 34 , 45 , 56 , 67 , 78 , 89 संख्याओं पर कंकड़ रखने को कहें और संख्याओं के पैटर्न और संबंधों पर चर्चा करें। एक पैटर्न जो बच्चे देख सकते हैं कि संख्याओं में अंको का योग 1, 3 , 5 , 7 , 9 , 11, 13 , 15, 17 है और ये सभी विषम संख्याएं है। बच्चों को अगले विकर्ण की संख्याओं के साथ काम कर संख्या पैटर्न और संबंधों को देखने के लिए प्रेरित करें।
  • बच्चों को 5, 14 , 23 , 32 , 41 , 50 संख्याओं पर कंकड़ रखने को कहें और उन्हें पैटर्न और संख्या संबंधों का अवलोकन करने को कहें । बच्चे यह देख सकते हैं कि सभी संख्याओं के अंको का योग 5 है और 5 विकर्ण की पहली संख्या है। इसी प्रकार बच्चों को अन्य विकर्णों के पैटर्न का अवलोकन करने का समय दें।
6. आगे गिनना : यह गतिविधि बच्चों के जोड़ की संक्रिया की समझ का आधार बनाती है। बच्चे आपके निर्देश के अनुसार संख्याओं पर कंकड़ रखेंगे। 
                           25 और उसके आगे 3 गिने                  32 और उसके आगे 5 गिने
                           35 और उसके आगे 6 गिने                  36 और उसके आगे 7 गिने
                           73 और उसके आगे 2 गिने                  41 और उसके आगे 4 गिने

7. ‘से’ ज्यादा : यह गतिविधि बच्चों में ‘से ज्यादा या इससे अधिक ‘ की अवधारणा की पुष्टि और जोड़ की अवधारणा सीखने में मदद करती है। बच्चे आपके निर्देश के अनुसार संख्याओं पर कंकड़ रखेंगे।
                           15 से 4 अधिक                               40 से 9 अधिक
                           52 से 3 अधिक                               26 से 5 अधिक
                           61 से 6 अधिक                               43 से 7 अधिक
यहाँ शिक्षक “अधिक” शब्द के स्थान पर “ज्यादा” शब्द का उपयोग भी कर सकते हैं।

8. उल्टा गिनना : यह गतिविधि घटाव संक्रिया की समझ का आधार रखती है। बच्चे आपके निर्देश के अनुसार संख्याओं पर कंकड़ रखेंगे।
                          38 से पीछे 4 गिने                             58 के पीछे 2 गिने
                          23 के पीछे 6 गिने                             73 के पीछे 3 गिने
                          47 के पीछे 1 गिने                             69 के पीछे 8 गिने
यहाँ शिक्षक “पीछे” शब्द के स्थान पर “पहले” शब्द का उपयोग भी कर सकते हैं।

9. ‘से’ कम : यह गतिविधि बच्चों में ‘से कम या इससे कम ‘ की अवधारणा की पुष्टि और घटाने की अवधारणा सीखने में मदद करती है। बच्चे आपके निर्देश के अनुसार संख्याओं पर कंकड़ रखेंगे।
                        49 से 3 कम                                      89 से 8 कम
                        21 से 4 कम                                      30 से 7 कम
                        56 से 6 कम                                      16 से 3 कम

10. दस अधिक या कम : यह गतिविधि बच्चों में 10 की गिनती की पुष्टि करता है। यह बच्चों में स्थानीय मान की समझ के लिए आधार का काम करता है।
                      2 से 10 ज्यादा (अधिक)                           48 से 10 कम
                     24 से 10 ज्यादा                                     62 से 10 कम
                     63 से 10 ज्यादा                                     76 से 10 कम

11. बिंगो : यह गतिविधि बच्चों को इकाई और दहाई के साथ स्थानीय मान समझने में मदद करती है। इस गतिविधि के लिए हर बच्चा खाली संख्या-चार्ट का उपयोग करेगा। शिक्षक 0 – 99 के काउंटर्स एक छोटे बक्से में रखेंगे। एक बच्चा बक्से से एक काउंटर निकालेगा और संख्या को इकाई व दहाई के रूप में कहेगा , उदाहरण के लिए 25 को वह दो दहाई और पाँच इकाई कहेगा। कक्षा के अन्य बच्चे संख्या सुनकर संख्या-चार्ट में उस स्थान पर एक कंकड़ रखेंगे। अलग-अलग बच्चे बक्से से काउंटर निकालकर संख्या कहेंगे और बच्चे अपने संख्या-चार्ट पर कंकड़ रखते जाएंगे। यह कार्य तब तक चलता रहेगा जब तक कि बच्चों की कोई पंक्ति या कॉलम पूरा नहीं हो जाता।

12. संख्या चार्ट पर जोड़ना और घटाना : यह गतिविधि बच्चों को संख्या चार्ट पर जोड़ने और घटाने के अभ्यास का मौका देती है। संख्या चार्ट पर संख्याओं को किस प्रकार से जोड़ा जाता है , बच्चों के सामने इसका प्रदर्शन करें। उदाहरण के लिए 33 + 48 । बच्चे 33 पर एक कंकड़ रखेंगे। उनसे पूछें कि 48 में कितने दहाई (4) हैं। उन्हें याद दिलाएं कि एक बॉक्स नीचे आने पर संख्या 10 बढ़ती है। हमें 33 से 4 बॉक्स नीचे आना है (43 , 53 , 63 , 73) । बच्चों से पूछें कि 48 में 8 क्या दिखाता है (इकाई)। बच्चों को याद दिलाएं कि क्षैतिज दिशा में बाँयीं ओर जाने से संख्या एक से बढ़ती है। हमें 73 से बाँयीं ओर 8 स्थान आगे बढ़ना है (74 , 75 , 76 , 77 , 78 , 79 , 80 , 81) । इस प्रकार हम 81 पर पहुँचे , अत: 33 + 48 = 81। इसी प्रकार और उदाहरणों से जोड़ का अभ्यास कराएं।
अब संख्या चार्ट की मदद से घटाने का प्रदर्शन करें। उदाहरण के लिए 72 – 44 । बच्चे 72 पर एक कंकड़ रखेंगे। बच्चों से पूछें , 44 में कितने दहाई हैं (4) । 72 से चार बॉक्स उपर चढ़ेंगे (62 , 52 , 42 , 32) । अब बच्चों से पूछें कि 44 में दांयी ओर का 4 क्या दर्शाता है (इकाई) । अब हम 32 से क्षैतिज दिशा में बाँयीं ओर 4 स्थान पीछे जाएंगे (31 , 30 , 29 , 28) । इस प्रकार हम 28 पर पहुँचे , अत: 72 – 44 = 28। इसी प्रकार और उदाहरणों से घटाने का अभ्यास कराएं।

13. छोड़कर गिनना या गुणज पहचानना : यह गतिविधि बच्चों में छोड़ कर गिनना , गुणज और गुण की अवधारणा की समझ विकसित करने में मदद करती है।
  • बच्चे दो – दो छोड़ कर गिनते हुए (0 , 2 , 4 , 6 , 8 , 10,......98) संख्याओं पर कंकड़ रखेंगे। बच्चों को इस प्रकार बने पैटर्न को पहचानने को कहें। इस प्रकार कंकड़ पाँच उर्ध्वाधर (खड़ी) रेखाएं बनाएंगे। सभी संख्याएं सम संख्याएं और 2 की गुणज होंगी। इस संख्याओं में इकाई अंक 0 या 2 या 4 या 6 या 8 होंगे। 
  • बच्चों को तीन – तीन छोड़ कर संख्याओं पर कंकड़ रखने को कहें। इस प्रकार का बना पैटर्न विकर्ण रेखाओं को दिखाता है और इन विकर्णों की संख्याओं पर अंकों का योग 3 , 6 , 9 , 12 , 15 , 18 होगा। 
  • इसी प्रकार बच्चों को 4 , 5 , 6 , 7 , 8 , 9 , 10 तक संख्याओं को छोड़ कर कंकड़ रखने और बने पैटर्न का अध्ययन करने को कहें।
14.सम-अपवर्त्य पहचानना : यह गतिविधि बच्चों में ‘छोड़ कर गिनने’ और गुणज की अवधारणा की पुष्टि करती है। यह गतिविधि तीन या चार बच्चों के समूह में करायी जा सकती है। समूह में बच्चे संख्या-चार्ट पर 3 के गुणज पर कंकड़ रखेंगे। फिर बच्चे 4 के गुणज पर कंकड़ रखेंगे।अब बच्चे उन संख्याओं को लिखेंगे जिन पर दो कंकड़ (12 , 24 , 36 , 48 , 60 , 72 , 84 , 96) रखे हैं। इन संख्याओं को सम-अपवर्त्य (common multiple) कहते हैं। इन सम-अपवर्त्य में सबसे छोटे अपवर्त्य की पहचान करें (12) और 100 तक के 3 और 4 के सम-अपवर्त्य में सबसे बड़े अपवर्त्य (96) की पहचान करें। इसी प्रकार बच्चों से अन्य संख्याओं के गुणज , सम-अपवर्त्य , सबसे छोटे और 100 तक सबसे बड़े अपवर्त्य की पहचान का अभ्यास कराएं।

15. अभाज्य संख्याएं : यह गतिविधि बच्चों में अभाज्य संख्याओं की समझ विकसित करने में मदद करेगी और वे 0 – 99 के बीच की अभाज्य संख्याओं को जान पाएंगे। आपके दिए निर्देशों के अनुसार बच्चे संख्याओं पर कंकड़ रखते जाएंगे। 4 से शुरू करते हुए 2 के सभी गुणज पर कंकड़ रखने को कहें। इसी प्रकार 6 से शुरू करते हुए 3 के सभी गुणज पर कंकड़ रखने को कहें। फिर बच्चे 4 के सभी गुणज पर कंकड़ रखेंगे। अब बच्चे 5 को छोड़कर 5 के सभी गुणज पर कंकड़ रखेंगे और इसके बाद वे 6 के सभी गुणज पर कंकड़ रखेंगे। अंत में 7 को छोड़कर 7 के सभी गुणज पर कंकड़ रखेंगे। इस बात का ध्यान रखा जाए कि यदि किसी संख्या पर कंकड़ रखा हो तो उस पर दोबारा कंकड़ रखने की आवश्यकता नहीं है।
अब बिना कंकड़ रखी संख्याओं की पहचान करें (2 , 3 , 5 , 7 , 11 , 13 , 17 , 19 , 23 , 29 , 31 , 37 , 41 , 43 , 47 , 53 , 59 , 61 , 67 , 71 , 73 , 79 , 83 , 89 , 97) , ये सभी अभाज्य संख्याएं (Prime Numbers) हैं। बच्चों को बताएं कि अभाज्य संख्याओं के केवल दो ही गुणनखण्ड , 1 और स्वयं वह संख्या , होते हैं। अभाज्य संख्याएं स्वयं और एक से ही अभाज्य संख्याएं केवल स्वयं या एक से ही विभाजित होती हैं।

इस प्रकार एक संख्या-चार्ट की मदद से संख्याओं से संबंधित अलग-अलग अवधारणाओं समझ विकसित की जा सकती है। उपरोक्त गतिविधियों के अतिरिक्त कई अन्य गतिविधियां भी संख्या-चार्ट की मदद से करायी जा सकती हैं। संख्या-चार्ट बहुत ही आसानी से A4 पेपर पर बनाया जा सकता है या कंप्यूटर में किसी स्प्रेडशीट अथवा वर्डप्रोसेसर साफ्टवेयर की मदद से भी इसे तैयार कर उपयोग में लाया जा सकता है।

Sunday, September 15, 2019

संख्या रेखा पर जोड़ (Addition on Number Line)

आपने कई प्राथमिक कक्षाओं में संख्या रेखा को ब्लैकबोर्ड पर बना देखा होगा , कई बच्चे अपने बैठने की जगह पर ही इसे बनाकर रखते हैं। आज शिक्षकों के पास गणित के प्रतिरूपण (modeling) के कई विकल्प हैं , फिर भी संख्या रेखा एक महत्वपूर्ण और उपयोगी गणितीय उपकरण है। जहाँ अन्य सामग्रियां जैसे कंकड़ , तीलियां , क्यूब आदि संख्याओं को दर्शाते हुए सीखने में मदद करते हैं , वहीं संख्या रेखा बच्चों के लिए संख्याओं के बीच के संबंधों को समझने का एक अलग नजरिया प्रस्तुत करती है। प्रारंभिक कक्षओं में संख्या रेखा के उपयोग से अवधारणाओं को समझना बच्चों के लिए चुनौतीपूर्ण होता है , फिर भी इसका उपयोग करना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आगे के कौशलों जैसे ऋणात्मक संख्याएं , दशमलव , भिन्न , ग्राफ आदि सीखने में मदद करती है जो उपर लिखी अन्य सामग्रियों की मदद से सीखी नहीं जा सकती हैं। संख्या रेखा बच्चों को मूर्त से अमूर्त सोच की ओर ले जाती है , यह बच्चों में बीजगणितीय सोच विकसित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

गणित में संख्या रेखा को एक ऐसी रेखा के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिस पर बराबर अंतराल में संख्याएं लिखी होती हैं। इसे प्राय: क्षैतिज (horizontal) रखा जाता है और दोनों दिशाओं में अनंत तक बढ़ाया जा सकता है।


बच्चे जब संख्या रेखा की आधारभूत अवधारणाओं (संख्याओं को पहचानना , किसी संख्या तक पहुंचना आदि) से परिचित हो जाएं तो , संख्या रेखा की मदद से जोड़ना इन अवधारणाओं की समझ को सुदृढ़ करने में मदद करता है ।

You must have seen a number line on the blackboard in early primary classrooms, many children also draw it near their sitting area. Although teachers today have many options for modeling mathematics, the number line is still an important and useful math tool. While cubes and other manipulatives support learning by representing numbers, the number line actually develops learning by giving students another look at number relationships. Early primary students may find using a number line more challenging for some concepts. However, it’s important to stick with it as number lines provide learning opportunities for later skills that can’t be replicated with cubes, such as negative numbers, decimals, and graphing. The visual support that the number line provides helps young learners grow from concrete to abstract to algebraic thinking.

In math, a number line can be defined as a straight line with numbers placed at equal intervals. A number line can be extended infinitely in any direction and is usually represented horizontally.

Another great opportunity for exploring a number line is when learning the first steps of addiction. When the students are familiar with basic concepts of the number line (identification of numbers, to reach a number on the number line, etc.), the addition using number line helps in reinforcing the concepts.

Monday, June 11, 2012

Complex Numbers - Addition

Since complex numbers are legitimate mathematical entities, just like scalar numbers, they can be added, subtracted, multiplied, divided, squared, inverted,     and such, just like any other kind of number.

Addition of complex numbers in rectangular form (a + ib ) is easy. For addition, simply add up the real components of the complex numbers to determine the real component of the sum, and add up the imaginary components of the complex numbers to determine the imaginary component of the sum.

For example If z1 = x+iy and z2= r+is are two complex numbers, then their sum z3 = z1+z2 can be expressed as (x+r)+i(y+s).

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Sunday, September 25, 2011

Addition of Integers




















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